वेलडन प्रयागराज पुलिस:प्रयागराज पुलिस ने किया डकैती के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ ! पुर्जा -पुर्जा खोलकर चंद घंटों में ही गायब कर देते थे ट्रक !
उत्तरांव थाने की टीम और प्रयागराज के एसओजी ने ट्रक डकैती के अंतर्राज्यीय गिरोह का खुलासा कर उसके 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
प्रयागराज के उत्तरांव थाना क्षेत्र की पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने ट्रक डकैती गिरोह के 5 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से लूटे गए तीन ट्रक, लूट में प्रयुक्त स्विफ्ट डिजायर कार, दो पिस्टल, 5 जिंदा कारतूस और 4 लोहे की रॉड बरामद की है. इस गिरोह के सदस्य मिनटों में ट्रक चालक का अपहरण कर ट्रक को गायब कर देते थे और फिर उसे खोलकर चंद घंटों में उसके पुर्जे बेच देते थे।
24 अक्टूबर को उतरांव हाईवे से 14 पहिया ट्रक लूटे गए थे
प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडेय ने बताया कि 24 अक्टूबर को उत्तरांव थाना क्षेत्र के उत्तरांव हाईवे से 14 पहिया ठेला ट्रक लूट लिया गया. ट्रक को ओवरटेक कर रहे कार सवार चार बदमाशों और चालक को बंधक बना लिया। उत्तरांव थाना और एसओजी की संयुक्त टीम घटना का पता लगाने में जुटी है। मुखबिर की सूचना पर एसओजी की संयुक्त टीम ने मंगलवार को ट्रक लूट की घटना में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.ट्रक लुटेरों गिरोह के सदस्यों के पास से प्रयागराज पुलिस ने दो अवैध हथियार और कई रॉड जब्त किए हैं.
एसओजी की टीम शमशीर पुत्र मोहम्मद मशीद (20), निवासी देल्हूपुर प्रतापगढ़, अनीश (28) पुत्र मासीउल्लाह निवासी धोमा थाना मंधाता प्रतापगढ़, गिरजा शंकर यादव उर्फ नकुल (28) पुत्र माता प्रसाद यादव निवासी छपहीबाग सुल्तानपुर, मेराज पुत्र (24) मोहम्मद गिरफ्तार किया गया है दारापुर निवासी मरूफ, मंधाता प्रतापगढ़ और समीर (19) पुत्र नशीम निवासी कुल्हीपुर थाना, प्रतापगढ़.
बिहार और मध्य प्रदेश में चेसिस नंबर बदलकर बिक रहे हैं लूटे गए ट्रक
एसएसपी शैलेश पांडे ने बताया कि जुमई निवासी कुल्हीर थाना मांधाता का मुहब्बत दिलबहार पुत्र प्रतापगढ़ गिरोह का सरगना है. इसके दो भाई मसीद और आजाद गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। तीनों ने ट्रक लूट की कई घटनाओं को अंजाम दिया है। तीनों फिलहाल जेल में हैं। इस गैंग में कुल 15 से 20 सदस्य होते हैं, जो हाइवे पर ट्रकों को संगठित कर निशाना बनाते हैं और ट्रक के सामने अपनी गाड़ी खड़ी कर लूट की घटनाओं को अंजाम देते हैं. ट्रक चालक को बंदूक की नोक पर अपनी कार में बिठाते हैं और चालक को आंखों पर पट्टी बांधकर और उसके हाथ-पैर बांधकर कार में तब तक घुमाते रहते हैं जब तक वह सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुंच जाता। ट्रक जब सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाता है तो चालक को सुनसान जगह पर फेंक दिया जाता है। इसके बाद लूटे गए ट्रकों को मध्य प्रदेश और बिहार ले जाते हैं और चेसिस नंबर बदलकर बेचते हैं. इसके अलावा कई बार ट्रकों को तोड़ा जाता है और उनके अलग-अलग पुर्जे भी बाजारों में बेचे जाते हैं। लूटे गए ट्रकों का इस्तेमाल मवेशियों की तस्करी के लिए किया जाता था।
इस घटना के सफल अनावरण में उत्तरांव थाना प्रभारी श्रवण कुमार, एसओजी प्रभारी राजेश उपाध्याय, एसओजी प्रभारी गंगा पर इंदर प्रताप सिंह आदि शामिल थे.
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