ध्यान से पढ़ें ! छात्र के शरीर पर हैं दो गोले के निशान, 17 अक्टूबर की शाम से लापता था,अपहरणकर्ताओं के चंगुल से भागकर छात्र ने बचाई जान !
प्रयागराज
में पढ़ने वाला एक छात्र
अपने घर आ रहा
था। फिर बीच रास्ते
में ही उसका अपहरण
कर लिया गया। देर
शाम तक जब छात्र
घर नहीं पहुंचा तो
परिजन उसकी तलाश करने
लगे। लेकिन छात्र का पता नहीं
चल सका। जिस पर
परिजनों ने घटना की
लिखित शिकायत पुलिस को दी। शिकायत
मिलने के बाद पुलिस
ने जांच शुरू कर
दी है।
भिती
गांव निवासी करण कुमार पुत्र
रामफल प्रयागराज में पढ़ता था।
17 अक्टूबर की शाम को
वह घर के लिए
मदुवाडीह पैसेंजर ट्रेन पकड़कर प्रयागराज से घर जा
रहा था। झूसी पहुंचकर
उसने अपने परिवार से
कहा कि मैं झूसी
आया हूं। मैं जल्द
ही घर पहुंचूंगा। लेकिन
जब वह देर रात
तक अपने घर नहीं
पहुंचा तो परिजन किसी
अप्रिय घटना की आशंका
से छात्र की इधर-उधर
तलाश करने लगे. लेकिन
छात्रा का कोई सुराग
नहीं लगा, जिसके बाद
परिजनों ने झूसी कोतवाली
में लिखित शिकायत की.
अपहरणकर्ताओं
के चंगुल से बचकर छात्रा ने बचाई जान
अगली
सुबह जब छात्र को
होश आया तो उसने
देखा कि वह चार
पहिया बोलेरो वाहन में बंद
है। इसके बाद उसने
अपना मोबाइल निकाला और परिजनों से
संपर्क करने की कोशिश
की, तब तक अपहरणकर्ता
उसके पास आए और
नशीला पदार्थ सुंघाकर उसे फिर
से बेहोश कर दिया. जब
उसे होश आया तो
उसने देखा कि वह
घने जंगल में खड़ा
है और चारों अपहरणकर्ता
कार से उतरकर आपस
में बात कर रहे
थे। मौका देख छात्र
दूसरी तरफ का दरवाजा
खोलकर धीरे-धीरे निकल
गया और काफी देर
तक दौड़ता रहा। अपहरणकर्ताओं ने
कुछ दूर तक छात्रा
का पीछा किया लेकिन
छात्र अपहर्ताओं के चंगुल से
छूटकर शहर की ओर
निकल गया.
बनारस
शहर में मिला छात्र, पेट पर बने थे खोल के दो निशान !
शहर में आकर उसने एक ऑटो चालक से पूछा कि यह जगह कहां है जिसके बाद ऑटो चालक ने बताया कि आप वाराणसी में हैं. तब छात्र ने अपने परिवार को फोन कर बताया कि मैं वाराणसी में हूं, वाराणसी में पाए जाने की सूचना पर परिजन चेतगंज कोतवाली के पास पहुंचे और लापता छात्र को सकुशल बरामद कर लिया. घर आने के बाद छात्र का इलाज पास के निजी अस्पताल में किया गया। इलाज के दौरान देखा गया कि छात्र के पेट में दो बड़े गोले बने हैं। यह निशान क्यों बनाया है यह इशारा वास्तव में किसी होने वाली भयावाह घटना का सूचक लगता है कि अगर छात्र को कुछ और देर होश नहीं आता तो उसके साथ अनहोनी हो सकती थी।
अब कुछ सवाल बहुत विशेष है यहां पर जैसे कि वह लोग जिन्होंने इस को अगवा किया कैसे पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर के वह किसी और के साथ भी इस तरह का प्रयास नहीं कर रहे होंगे ?
यह बात सोच का विषय है, क्या इस तरह के लोगों पर पुलिस की कभी निगाह नहीं पड़ी या पुलिस की कभी जांच का विषय यह नहीं बना ?
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