सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार एवं शोध के लिए हुआ एम.ओ.यू :सूरीनाम हिन्दी परिषद तथा संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज,उ.प्र.(भारत) के मध्य एम्.ओ.यू.
सूरीनाम हिन्दी परिषद तथा संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज,उ.प्र.(भारत) के मध्य एम्.ओ.यू.
सूरीनाम हिन्दी परिषद तथा संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज,उ.प्र.(भारत) के मध्य एम्.ओ.यू. किया गया है। जिसमें सूरीनाम हिन्दी परिषद, सूरीनाम, के अध्यक्ष सत्यानंद परमसुख ने बताया कि सूरीनाम देश में लगभग तीन लाख लोग सनातन धर्मानुयायी हैं , जिन्हें सनातन संस्कृति की शिक्षा अति आवश्यक है। नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज,उ.प्र.(भारत) के कुलाधिपति माननीय श्री जे.एन.मिश्र ने बताया कि इस एम्.ओ.यू. से ग्रामीणांचल के छात्र अब सूरीनाम हिन्दी परिषद के साथ मिलकर भारतीय संस्कृति तथा शोध के गुणवत्ता में वृद्धि करेंगे । इस एम्.ओ.यू.पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भारतीय संस्कृति तथा संस्कारों पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा सूरीनाम हिन्दी परिषद के अध्यक्ष को बधाई दिया। माननीय कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार श्रीवास्तव ने सनातन संस्कृति के माहात्म्य पर विस्तृत प्रकाश डाला। माननीय प्रति कुलपति प्रोफेसर सुरेश चन्द्र तिवारी ने बताया कि सूरीनाम के छात्र अब इस विश्वविद्यालय में आकर सनातन संस्कृति की वैज्ञानिकता से परिचित होंगे। कुलसचिव श्री आर.एल.विश्वकर्मा तथा सूरीनाम हिन्दी परिषद के अध्यक्ष श्री सतजानन्द परमसुख,सचिव श्री किशन फिरोते तथा कोषाध्यक्ष श्री हेमन्त हीरालाल , श्री चन्द्रिका प्रसाद जेठू, श्री राम कृष्ण नथी,डॉ.प्रभात कुमार, डॉ.प्रबुद्ध मिश्र,ने इस एम्.ओ.यू.पर प्रसन्नता व्यक्त किया। एक प्रश्न के उत्तर में विभागाध्यक्ष संस्कृत, डाॅ.देव नारायण पाठक ने बताया कि सूरीनाम के प्रथम छात्र के रूप में श्री चन्द्रिका प्रसाद जेठू ने भारतीय संस्कृति तथा ज्योतिष, कर्मकाण्ड और वास्तुशास्त्र का अध्ययन नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज से किया था। वर्तमान में सूरीनाम में सनातन संस्कृति का प्रचार -प्रसार कर रहे हैं और लब्धप्रतिष्ठ रामकथा वाचक के रूप में कार्यरत हैं,उसी श्रृंखला में यह एम्.ओ.यू.किया गया है।
Comments