पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी:आतंकी संगठन अल कायदा ने दिल्ली, महाराष्ट्र समेत 4 राज्यों में आत्मघाती हमले की धमकी दी
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बयान पर खाड़ी देशों से उठे विरोध के बाद बीजेपी एक्शन मोड में नजर आ रही है। पार्टी ने अपने दो प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन कुमार पर एक्शन लेकर कड़ा संदेश देने की कोशिश की और उसके बाद ऐसे नेताओं की लिस्ट तैयार करके उन्हें विवादास्पद बयानों से दूर रहने की हिदायत भी दे डाली।
इधर, इस मामले में आतंकी संगठन अल कायदा ने भी भारत को धमकी दी है। संगठन ने चिट्ठी जारी की है जिसमें दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी और गुजरात में आत्मघाती हमले की धमकी दी गई है।
इस मुद्दे पर पहले 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने विरोध जताया और इसके बाद कुछ अरब देशों ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया। इसके साथ ही ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया, इंडोनेशिया, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान ने भी बयान का विरोध किया है।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार और जेएनयू के रिटायर्ड प्रोफेसर पुष्पेश पंत कहते हैं कि भाजपा ने अपने प्रवक्ताओं के चयन में योग्यता का ध्यान नहीं रखा। ऐसे लोगों को प्रवक्ता नियुक्त किया गया है, जिन्हें पता नहीं है कि अशोभनीय भाषा क्या होती है। धर्म विरुद्ध भाषा क्या होती है।
नूपुर शर्मा बयान मामले में छोटे-छोटे मुस्लिम देश भी भारत का विरोध करने लगे हैं। भारतीय उत्पादों का बहिष्कार किया जाने लगा है। ये समझना होगा कि भारत तेल और गैस जैसी बुनियादी चीजों के लिए मिडिल ईस्ट पर निर्भर है। लाखों की संख्या में भारतीय खाड़ी के देशों में रहते हैं। ऐसी स्थिति में ये देश कभी भी कह सकते हैं कि भारतीय नागरिकों की उन्हें जरूरत नहीं है।
विरोध के बाद बीजेपी को ये कहना पड़ा कि ये पार्टी प्रवक्ताओं के निजी विचार हैं। सरकार या पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह से आप कितनी चीजों को नकार सकते हैं।
मेरे विचार से बीजेपी की ये कार्रवाई महज दिखावा भर है। ऐसा करके डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की गई है। इससे पार्टी की रीति-नीति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बल्कि आगे नैरेटिव चेंज करके इस मामले को हल्का करने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है।
कुछ लोग कहने लगे कि कतर की क्या औकात है। हम भी ऐसे देशों का बहिष्कार करेंगे, लेकिन समझने की बात यह है कि कतर के पास गैस का सबसे बड़ा भंडार है और भारत उसका सबसे बड़ा इंपोर्टर है। यूएई ने हमारे पीएम को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। पीएम ने आठ साल में जो सफलता हासिल की है, उसे इस तरह के बयानों से नुकसान पहुंचाया गया है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग नहीं तलाशने चाहिए। इसके बाद सोशल मीडिया पर भागवत के खिलाफ बयानबाजी शुरू हो गई। उन्हें कहा जाने लगा है कि वो राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं।
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