इस युवक ने कहा 'किसी को मारने का अधिकार नहीं'; ईद पर बकरे की तस्वीर के साथ केक की कुर्बानी... सीतापुर
इस साल बकरीद मनाने को लेकर उत्तर प्रदेश के एक परिवार की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, प्रदेश के सीतापुर में एक परिवार ने सबसे हटकर एकदम अलग तरीके से यह त्योहार मनाया है. इस बात की चर्चा राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है. बकरीद को इस अलग अंदाज में मनाने के लिए लोग इस परिवार की जमकर तारीफ कर रहे हैं. साथ ही इसे उदाहरण के तौर पर देखा जा रहा है. साथ ही इसे एक अच्छी पहल भी बताया जा रहा है. हम सभी जानते हैं कि बकरीद के दिन कुर्बानी दी जाती है. इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं. लेकिन इस परिवार ने अलग तरीके से कुर्बानी देकर सबको अपना मुरीद बना लिया है.
सीतापुर के मेराज ने ऐसे दी कुर्बानी
सीतापुर के ग्वालमंडी मोहल्ले के रहने वाले मेराज अहमद ने बकरीद के मौके पर बकरे की कुर्बानी नहीं दी बल्कि बकरे की फोटो लगा केक काटकर कुर्बानी की रस्म अदा की. यह बात अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, मेराज अहमद, पशु सेवा समिति के प्रदेश उपाध्याक्ष हैं.
कई तरह से दी जा सकती है कुर्बानी
मेराज ने बकरीद पर अलग ढंग से कुर्बानी देने की वजह बताते हुए कहा कि कुर्बानी कई तरह से दी जा सकती है. उन्होंने आगे बताया कि जरूरी नहीं है कि किसी पशु की ही कुर्बानी दी जाए. किसी जरूरतमंद बेटी की शादी करवाकर, किसी को रक्तदान कर उसकी जान बचाकर भी कुर्बानी दी जा सकती है.
लोगों से की ये अपील
मेराज अहमद ने लोगों से अपील की है कि अल्लाह ने किसी भी इंसान को ये हक नहीं दिया है कि वह किसी की जिंदगी ले सके, हर जीव का जीवन अनमोल है. मेराज अहमद के मुताबिक, लोगों को अब सोच बदलने की जरूरत है. बकरीद का त्योहार साल में एक बार आता है और इस एक दिन में लाखों बकरों की कुर्बानी दे दी जाती है. बेजुबान पशुओं की कुर्बानी देने की जगह अब गरीबों की मदद की जानी चाहिए.
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