आखिर मान लिया कि अधिकारियों की मनमानी से बढ़ रहा है मुकदमों का बोझ हाईकोर्ट ने !
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- Updated: 21 October, 2023 14:19
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प्रयागराज. मामला कोर्ट के फैसले से तय होने के बावजूद अधिकारियों की मनमानी के चलते अनावश्यक याचिकाएं दाखिल होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। कहा कि सरकारी मशीनरी तय मुद्दों पर ध्यान न देकर अदालतों पर अनावश्यक मुकदमों का बोझ डाल रही है।
पैसा और ताकत बर्बाद हो रही है
इसमें न केवल लोगों की ऊर्जा और पैसा बर्बाद हो रहा है बल्कि सरकारी खजाना भी बिना मतलब खर्च हो रहा है। अधिकारियों को परामर्श देने की जरूरत है. कोर्ट ने सचिव पंचायत राज को इस आशय का सर्कुलर अधिकारियों को जारी कर हाईकोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही जिलाधिकारी आज़मगढ़ के 13 सितंबर 2023 के वसूली आदेश को निरस्त कर दिया गया है और मामले की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
जांच न होने पर रिकवरी आदेश जारी किया जाएगा
यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने नगीना सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी से जांच न कराने पर जिलाधिकारी ने पंचायत राज अधिनियम की धारा 27 के तहत रिकवरी का आदेश जारी किया था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दिनेश कुमार केस में निर्णय दिया है कि ऑडिट के अभाव में वसूली की कार्रवाई नहीं की जायेगी. इसके बावजूद जिलाधिकारी ने वसूली की कार्रवाई की और याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट आना पड़ा.
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