मुझे तुम्हें मारना है...! मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा जेल अधीक्षक को मिली धमकी!
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- Updated: 2 April, 2024 08:43
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मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा जेल अधीक्षक को जान से मारने की धमकी मिली है. जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा को 28-29 मार्च की रात 1.37 बजे फोन कर किसी अज्ञात व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी. जेल अधीक्षक की शिकायत के अनुसार नगर थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मुख्तार अंसारी बांदा मंडल कारागार में बंद थे.
जेल अधीक्षक के मुताबिक, उनके सीयूजी नंबर पर 01352613942 नंबर से किसी अज्ञात व्यक्ति ने धमकी दी. इसमें कहा गया कि तुम्हें ठोकना है. धमकी भरा कॉल 14 सेकेंड के लिए आया था. उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. धमकी देने वाले ने अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया जिसका जिक्र एफआईआर में किया गया है.
गौरतलब है कि पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। शनिवार (30 मार्च) को उनके पार्थिव शरीर को गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद स्थित उनके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इससे पहले उनकी शवयात्रा निकली जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. जब जनाजा कब्रिस्तान के अंदर गया तो वहां कम से कम पांच हजार लोग मौजूद थे. इससे पहले माफिया मुख्तार अंसारी का जनाजा कब्रिस्तान पहुंचा.
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुख्तार के बेटे उमर अंसारी खुद माइक हाथ में लेकर लोगों से पीछे हटने की अपील करते रहे और यह भी बताते रहे कि कब्रिस्तान के अंदर सिर्फ परिवार को जाने की इजाजत है. हालांकि, कुछ लोगों ने दीवार पर चढ़ने की भी कोशिश की. मुख्तार अंसारी की कब्र उनके पिता और मां की कब्र के पास खोदी गई थी. सुरक्षा कारणों से शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया था।
इससे पहले भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्तार अंसारी का शव एंबुलेंस से गाजीपुर पहुंचा. कब्रिस्तान के बाहर पुलिस का सख्त पहरा था. समर्थकों ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर शवयात्रा के लिए रास्ता बनाया। सुबह कुछ देर के लिए पार्थिव शरीर को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के गाजीपुर स्थित आवास के बाहर रखा गया. दोपहर 1:15 बजे भारी पुलिस बल के साथ मुख्तार अंसारी का शव उनके पैतृक शहर मुहम्मदाबाद ले जाया गया। के आवास पर पहुंचे। शव मिलने की सूचना मिलते ही हजारों समर्थक जुट गये. सुरक्षा कारणों से शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ-साथ अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया था।
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