जज रवि दिवाकर बरेली में बने एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट, ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई करने वाले को मिला प्रमोशन!
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- Updated: 22 November, 2023 16:03
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ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई करने वाले जज रवि दिवाकर
प्रयागराज. वाराणसी स्थित ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई करने वाले न्यायिक अधिकारी (जज) रवि कुमार दिवाकर को प्रमोशन दिया गया है. पिछले साल उन्होंने अधिवक्ता आयोग को विवादित परिसर का सर्वेक्षण करने और बाथरूम को सील करने का आदेश दिया था.
सीनियर डिवीजन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है। इन दिनों वह बरेली जिला न्यायालय में लघु वाद न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हैं। अब वह बरेली में ही एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट के पद पर कार्य करेंगे।
हाईकोर्ट ने जारी की सूची
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारियों के प्रमोशन और तबादले की सूची जारी कर दी है. रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती ने प्रमोशन और ट्रांसफर को लेकर यह अधिसूचना जारी की थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत में स्थानांतरित होने से पहले रवि कुमार दिवाकर ने ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई की थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले साल मई में सुनवाई जिला जज को ट्रांसफर कर दी गई थी.
जज रवि दिवाकर ने वुजूखाना को सील करने का आदेश दिया था.
रवि कुमार दिवाकर ने पहले अधिवक्ता आयोग से विवादित परिसर का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था. उनके आदेश पर ही पिछले वर्ष मई माह में अधिवक्ता आयोग द्वारा विवादित परिसर का सर्वेक्षण कराया गया था. सर्वे के आखिरी दिन शिवलिंग मिलने के दावे पर मामले की सुनवाई कर रहे जज रवि दिवाकर ने ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाना को सील करने का भी आदेश दिया था.
प्रमोशन के बाद यह उनकी 15वीं नियुक्ति होगी.
43 वर्षीय रवि कुमार दिवाकर मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। वह दिसंबर 2009 में न्यायिक सेवा में शामिल हुए। पदोन्नति के बाद यह उनकी 15वीं नियुक्ति होगी। ज्ञानवापी मामले की सुनवाई से अलग किए जाने के बाद पिछले साल जून में उनका तबादला वाराणसी से बरेली कर दिया गया था.
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