राधास्वामी सत्संग भवन आगरा के दयालबाग पर दिवाली से ठीक पहले इलाहबाद हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत,नहीं चलेगा बुलडोजर!
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- Updated: 12 November, 2023 16:12
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हाईकोर्ट ने दयालबाग सत्संग भवन पर बुलडोजर चलाने का फैसला रद्द कर दिया-
कहा कि न्याय के हित में नया आदेश पारित किया जाना चाहिए.
प्रयागराज. आगरा के दयालबाग स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन के ध्वस्तीकरण मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तहसीलदार के आदेश को रद्द कर दिया है.
कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करते हुए पक्षों को नए सिरे से सुनने के बाद आदेश पारित करने की अनुमति दे दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने राधा स्वामी सत्संग सभा की याचिका पर दिया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
समय मांगा गया 15 दिन का
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया जबकि नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय मांगा गया था, लेकिन उन्हें 24 सितंबर शाम 4 बजे तक जवाब दाखिल करने का मौका दिया गया. आदेश पारित करते समय तहसीलदार ने याचिकाकर्ता की आपत्तियों पर विचार नहीं किया।
जबरन खाली करा रहा प्रशासन सत्संग सभा की जमीन को
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हुआ है. इस कारण कार्रवाई की गयी. याचिकाकर्ता का कहना था कि प्रशासन जिस जमीन को जबरन खाली करा रहा है, वह सत्संग सभा के नाम पर है.
प्रशासन ने न सिर्फ मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाया बल्कि सत्संगियों पर लाठीचार्ज भी किया. याचिका के साथ 1935 से 2012 तक हुए सभी समझौतों, लीज डीड और आदेशों की प्रतियां संलग्न की गईं। इसके साथ ही याचिका में तहसीलदार के 19 सितंबर 2023 के नोटिस का जवाब और संबंधित भूखंडों का राजस्व रिकॉर्ड भी संलग्न किया गया था. सरकार की ओर से खसरा खतौनी, अन्य राजस्व अभिलेखों और दो दर्जन से अधिक पन्नों के जवाब के अलावा पुलिस के साथ मारपीट की तस्वीरें भी लगाई गईं।
हिंसा हुई जमीन खाली कराने के दौरान
गौरतलब है कि आगरा के दयालबाग में जमीन खाली कराने के दौरान हिंसा हुई थी. सत्संगियों की ओर से पथराव किया गया, जबकि पुलिस ने लाठीचार्ज किया. लाठीचार्ज में करीब 50 सत्संगी घायल हो गये. पथराव में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गये.
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