रेप का आरोप लगाया, 3 लाख लेकर कोर्ट में पलटीं:ये MP में हो रहा, क्योंकि केस झूठा हो तब भी मुआवजे की रकम लौटानी नहीं होती
- Posted By: Admin
- खबरें हटके
- Updated: 10 June, 2022 04:02
- 333
मध्यप्रदेश में सरकारी मुआवजे के लिए रेप केस दर्ज कराए जा रहे हैं। यह सुनकर किसी को भी हैरानी होगी, लेकिन यह पूरी तरह सच है। दरअसल, MP में राज्य सरकार SC-ST एट्रोसिटी एक्ट के तहत पीड़ित महिला को 4 लाख रुपए का मुआवजा देती है। इसी मुआवजे के लिए ऐसे झूठे रेप केस दर्ज कराए जा रहे हैं। भास्कर की पड़ताल में ऐसे केसेज को लेकर हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है, जो हम आपसे साझा कर रहे हैं...
झूठे रेप केस की बात क्यों उठी
सागर की एक महिला ने एक व्यक्ति पर बेटी से रेप का मामला दर्ज कराया। आरोपी की गिरफ्तारी हो गई और उसे जेल भेज दिया गया। जब मामले की सुनवाई शुरू हुई, तो दलित महिला ने ट्रायल कोर्ट में कबूला, ‘साधारण झगड़े में उसने आरोपी पर अपनी नाबालिग बेटी से रेप का झूठा केस दर्ज करा दिया था।’
जब मामला जबलपुर हाईकोर्ट में पहुंचा, तो 17 मई 2022 को हाईकोर्ट ने आरोपी को न सिर्फ जमानत दे दी, बल्कि कहा कि ट्रायल कोर्ट रेप विक्टिम को राज्य सरकार से मिला मुआवजा वापस करने के लिए कहे।
मुआवजे के गणित को समझिए
अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की महिला से रेप होने पर राज्य सरकार 4 लाख रुपए का मुआवजा देती है। मामले में FIR दर्ज होने पर एक लाख और कोर्ट में चार्ज शीट पेश होने पर 2 लाख रुपए दिए जाते हैं। यानी 3 लाख रुपए तो सजा होने से पहले ही दे दिए जाते हैं।
अगर आरोपी को सजा होती है, तो पीड़ित को एक लाख रुपए और दिए जाते हैं। सजा न भी हो, तब भी पहले दिया गया मुआवजा वापस नहीं मांगा जाता। यह प्रावधान केवल SC-ST वर्ग के लिए ही है, अन्य को नहीं।
मुआवजे के बाद बदल जाते हैं बयान
आंकड़े बताते हैं कि SC-ST एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज रेप के मामलों में हर 5 में से 4 आरोपी बरी हो रहे हैं। यानी, सिर्फ 20% केसेज में ही सजा होती है, जबकि पीड़ित को मिलने वाला मुआवजा 100% मामलों में बंट जाता है। केस दर्ज होने और सजा मिलने के मामलों में इतने बड़े अंतर की जड़ में है सरकारी मुआवजा।
इसको विस्तार से समझें तो पता चलता है कि कई रेप पीड़ित तीन लाख रुपए का मुआवजा मिलते ही कोर्ट में अपने बयान से पलट जाती हैं। वे FIR और चार्जशीट दाखिल होने तक का मुआवजा ले लेती हैं और कोर्ट में कह देती हैं कि रेप हुआ ही नहीं, या फिर दबाव में रेप का केस दर्ज कराने की बात कह देती हैं।
Comments