Amrit Bharat Logo

Wednesday 16 Apr 2025 16:01 PM

Breaking News:

वैवाहिक विवाद में उर्दू स्कॉलर मामला:हाईकोर्ट ने पासपोर्ट सरेंडर करने की 'कठिन' शर्त जमानत आदेश से हटाई.....

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक उर्दू स्कॉलर मिर्जा शफीक हुसैन शफाक पर एसएसपी / एसपी के समक्ष एक वैवाहिक विवाद के संबंध में उनका पासपोर्ट जमा करवाने की अंतरिम जमानत में दी गई शर्त हटाने का आदेश दिया है। जस्टिस सिद्धार्थ ने जमानत में इस प्रकार की शर्त को 'कठिन' बताते हुए कहा कि ऐसी शर्त विदेश यात्रा करने के मौलिक अधिकार का हनन है। हाईकोर्ट ने इस प्रकार के मामले में कैप्टन अनिला भाटिया बनाम हरियाणा राज्य केस में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए आदेश दिया कि पासपोर्ट के सरेंडर करने की शर्त हटा दी जाए।

कैप्टन अनिला भाटिया मामले में कोर्ट ने पासपोर्ट को जमानत की शर्त के तौर पर जब्त करने के संबंध में महत्वपूर्ण टिप्पणी की थी। न्यायालय ने कहा "आपराधिक अदालतों को ऐसी शर्त लगाने में अत्यधिक सावधानी बरतनी होगी। हर मामले में जहां किसी आरोपी के पास पासपोर्ट है, उसके समर्पण के लिए कोई शर्त मैकेनिकली नहीं हो सकती। कानून किसी आरोपी को तब तक निर्दोष मानता है जब तक कि उसे दोषी घोषित नहीं कर दिया जाता। एक निर्दोष व्यक्ति के रूप में वह संविधान के तहत मिले सभी मौलिक अधिकारों का हकदार है।

हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते समय न्याय की प्रक्रिया विफल करने की संभावना पर विचार करना होगा, और कानून के साथ-साथ अभियुक्त के व्यक्तिगत अधिकार पर भी विचार करना होगा। अदालत को यह तय करना होगा कि क्या अभियुक्त की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बावजूद न्याय के हित के लिए आवश्यक है कि उसे अपना पासपोर्ट सरेंडर करवाकर उसकी आवाजाही के अधिकार को मामले की पेंडेंसी के दौरान प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।"

अदालत ने आवेदक उर्दू विद्वान मिर्जा शफीक हुसैन शफाक के वकील के तर्कों पर ध्यान दिया और रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री को देखते हुए आवेदन के पासपोर्ट जमा करने की जमानत में दी गई शर्त हटा दी। कोर्ट ने आगे कहा, " जिस प्राधिकारी के पास आवेदक ने अपना पासपोर्ट जमा किया है , वह उसी को जारी करेगा और आवेदक अपने हलफनामे द्वारा समर्थित एक इस प्रमाण के साथ प्रस्तुत करेगा कि उसे अभी भी किसी भविष्य की तारीख में विदेश जाने की आवश्यकता है। और यदि पासपोर्ट उसे दिया जाता है तो वह उसे दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा और जब भी आवश्यक होगा, ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होगा। "

याची ने अपने आवेदन में हाईकोर्ट के जनवरी 2021 के आदेश में ज़मानत के लिए दी गई पासपोर्ट सरेंडर करने की शर्त में संशोधन की प्रार्थना की थी। उन्होंने कहा था कि वह एक सरकारी कॉलेज में लेक्चरर हैं और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों में भाग लेने वाला एक प्रसिद्ध उर्दू विद्वान / लेखक और वक्ता भी हैं। वह कई पुस्तकों के लेखक और अनुवादक भी हैं और उन्हें कुवैत में एक पुस्तक के विमोचन का निमंत्रण मिला है, जिसके लिए उन्हें विदेश यात्रा करनी पड़ रही है। इसलिए उन्होंने पासपोर्ट जमा करने से छूट की मांग की थी। उसने एक वैवाहिक विवाद के संबंध में उन्हें अंतरिम जमानत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश के अनुसरण में जमा किए गए उसके पासपोर्ट को पुन: उन्हें सौंपने के लिए संबंधित प्राधिकरण को निर्देश देने की मांग की थी।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *