बिना केस दर्ज किए भी हो सकती है गैंगस्टर की कार्रवाई: इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला ,हिंदी दिवस पर हिंदी में सुनाया फैसला...
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- खबरें हटके
- Updated: 16 September, 2022 10:17
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंदी दिवस के मौके पर एक अहम फैसला हिंदी में दिया है. न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पूर्व में कोई अपराध दर्ज नहीं होने पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है. कार्रवाई के लिए अभियोजन आवश्यक नहीं है।
यदि अपराधी की गतिविधियां गिरोह की परिभाषा के अंतर्गत आती हैं, तो कार्रवाई की जा सकती है।
कोर्ट ने आगे कहा कि कई बार लोग अपराधियों और माफिया के डर से बात नहीं करते हैं. उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। यदि अपराधी की गतिविधियां गिरोह की श्रेणी में आ रही हैं तो बिना कोई मामला दर्ज किये गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
रामपुर में सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज
कोर्ट ने आगे कहा कि इस मामले में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। प्राथमिकी दर्ज कराने पर परिजनों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। इतनी दहशत थी कि रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा सकी। आरोपी ने सार्वजनिक व्यवस्था को ठेस पहुंचाई। असामाजिक गतिविधियों में लिप्त होने से भय का माहौल बन गया।
ऐसे में पुलिस का गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करना सही है. हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था।
इसके साथ ही कोर्ट ने इरफान और फहीम की याचिका खारिज कर दी। दोनों के खिलाफ रामपुर की कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज है. दोनों गांव टांडा खेड़ा, अजीम नगर रामपुर के रहने वाले हैं. दोनों आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं और गिरोह बनाकर आपराधिक गतिविधियां करते हैं और दहशत फैलाते हैं। कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट पर गौर करते हुए कहा कि अगर आपकी गतिविधियां किसी संगठित गैंग की हैं तो गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
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