खून से जीवन भी देती है यह 'खाकी':प्रयागराज में रखी गई थी 'पुलिस मित्र' की नींव; 3000 से ज्यादा लोगों को दी चुकी है नई जिंदगी
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- Updated: 15 June, 2022 11:04
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यह वही खाकी है जिसे देख अमूमन लोग मुंह फेर लेते हैं। आए दिन इस खाकी पर सवाल भी उठते रहते हैं लेकिन यही खाकी अपने खून से लोगों को नई जिंदगी भी देती है। 25 फरवरी 2017 को प्रयागराज के कांस्टेबल आशीष मिश्रा ने जिस ‘पुलिस मित्र’ वाट्सएप ग्रुप की नींव रखी वह आज वाट्सएप से निकलकर पूरे यूपी में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। इस टीम में 80% पुलिस के अधिकारी और कांस्टेबल शामिल हैं। उद्देश्य स्पष्ट है किसी की जान खून के अभाव में न जाने पाए। करीब 5 वर्ष में पुलिसकर्मियों ने अपने खून से 3,000 लोगों की जान बचाई है। आज 14 जून को रक्तदान दिवस पर ‘पुलिस मित्र’ की चर्चा न हो तो बात अधूरी होगी।
जानते हैं कैसे शुरू हुई थी यह पहल
आशीष मिश्र प्रयागराज आईजी आफिस में बतौर कांस्टेबल तैनात हैं। 2011 में वह पुलिस विभाग में आए। आज से 5 बरस पहले अस्पताल में ब्लड के अभाव में एक बच्चे को नहीं बचाया जा सका। इसके बाद आशीष ने ठाना कि ब्लड के अभाव में किसी की जान नहीं जाने देंगे। सबसे पहले उन्होंने वाट्सएप ग्रुप बनाया जिसका नाम रखा पुलिस मित्र। इसमें पुलिस के जवानों को एड करना शुरू किया। एक अच्छी टीम बन गई। वाट्सएप से निकलकर इस पुलिस मित्र का और विस्तार हुआ और अब पूरे प्रदेश के पुलिस के जवान इससे जुड़ चुके हैं।
पुलिस मित्र के हैं यह नियम
सोशल मीडिया पर पता चलने पर पुलिस मित्र टीम सक्रिय हो जाती है। यदि मरीज के परिवार में ब्लड देने वाले हैं लेकिन ब्लड नहीं देना चाहते तो उन्हें प्रेरित किया जाता है। ऐसे मरीज जिनके पास ब्लड देने के लिए कोई नहीं है उसे तत्काल ब्लड उपलब्ध कराया जाता है।
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