प्रशासन से न्याय नहीं मिलने पर आदिवासी महिला ग्रामीणों के साथ बैठी आमरण अनशन पर: अधिकारीयों के रवैये से क्षुब्ध !
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- खबरें हटके
- Updated: 16 October, 2022 12:18
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महिला को न्याय दिलाने के लिए महिला के साथ ग्रामीण भी भूख हड़ताल पर बैठे। मानसिक रूप से विक्षिप्त पति को कुछ भू माफिया ने बहला-फुसलाकर शराब पिलाने के बाद पूरी जमीन का बैनामा करा लिया। वही महिला को जानकारी होने के उपरांत तहसील में भी इस बात की शिकायत की लेकिन फरियाद नहीं सुनी गई। जिस पर महिला आमरण अनशन पर बैठी है।
मामला कौंधियारा थाना क्षेत्र के एकौनी ग्राम सभा के बच का पूरा मजरे का है। जहां की रहने वाली शांति देवी आदिवासी पत्नी करण आदिवासी ने बताया कि उनके पति को गांव के ही वंशधारी प्रजापति पुत्र स्वर्गीय शंकरलाल प्रजापति ने अवैध तरीके से उनके पति को बहला-फुसलाकर के उनकी पूरी जमीन को ही अपनी पत्नि कलावती के नाम बैनामा करा दिया। वहीं बैनामे में अपनी पत्नी को अनुसूचित जाति का बताया और उसका पता भी दूसरा दर्शाया। जिसकी शिकायत पीड़िता ने उपजिलाधिकारी करछना के यहां भी की और न्यायालय में वाद भी दाखिल किया। लेकिन कहीं से न्याय न मिलने के बाद महिला आमरण अनशन करने के लिए अपने घर के बाहर ही बैठ गई।
बैनामा 14 अक्टूबर 2014 को करा लिया गया था
आमरण अनशन पर बैठी महिला ने बताया कि उसकी जमीन का बैनामा 14 अक्टूबर 2014 को करा लिया गया था। उसी समय बैनामे के विरुद्ध में आपत्ति भी लगाई गई थी। लेकिन वंशधारी होमगार्ड का जवान होने के कारण उपजिलाधिकारी करछना की सुरक्षा में तैनात था। जिसके कारण उनकी अर्जी को नहीं स्वीकार किया गया। तब से पीड़ित लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रही थी। लेकिन जब न्याय नहीं मिला तो वह आमरण अनशन पर बैठ गई।
महिला के साथ आमरण अनशन पर बैठे शिव शंकर ओझा के द्वारा बताया गया कि वंश धारी पिछड़ी जाति का होने के बावजूद भी अनुसूचित जात की जमीन फर्जी तरीके से बैनामा कराई गई है। लेकिन अधिकारी है कि इस पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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