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सोशल मीडिया पर खुदआफताब श्रद्धा बना हुआ था, लाश के टुकड़े करना इंटरनेट पर सीखा था : NEW DELHI




नई दिल्ली ,15 नवंबर(आरएनएस)। श्रद्धा वाकर की जघन्य हत्या की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने श्रद्धा के जिंदा होने का आभास देने के लिए जून तक उसके इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल किया। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वहीं, श्रद्धा की लाश के टुकड़े जिस जंगल में आफताब ने फेंके थे पुलिस उसी जंगल में आफताब को लेकर पहुंची। सूत्रों के मुताबिक जंगल से 10 टुकड़े मिले हैं और पुलिस को शक है कि ये श्रद्धा के शव के हैं। बाकी डीएनए जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। श्रद्धा की हत्या करने के बाद आफताब ने खून साफ करने का तरीका गूगल पर ढूंढा था। फिल्म से प्रेरित होने के बाद भी उसने बॉडी को काटने के लिए गूगल किया था। एसिड से फर्श को साफ करने के बाद डीएनए हटाने के लिए भी आफताब ने गंभीरता से काम किया था। श्रद्धा के दोस्त रजत शुक्ला ने बताया कि 2019 के बाद श्रद्धा काफी रिजर्व रहने लगी थी। जब से यह खबर मीडिया में आई है छतरपुर पहाड़ी की गली नंबर 1 के रहने वाले लोग यह सोचकर हैरान हैं कि कभी उस लड़के के चेहरे पर तनाव के भाव नहीं दिखे। उसने 10 हजार रुपये महीने पर हाउस नंबर 93/1 में किराए पर कमरा लिया था। किसी ने भी उसे हैरान-परेशान नहीं देखा। पड़ोस में रहने वाली कुसुम लता ने बताया, 'वह एक सामान्य व्यक्ति की तरह बर्ताव करता था और हमेशा उसके चेहरे पर शांति का भाव दिखता था।Ó वह इस फ्लैट में 15 मई को ही आया था और तीन दिन बाद उसने वाकर की हत्या कर दी थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि पूनावाला आमतौर पर खाने की डिलिवरी लेने और किराने का सामान लेने के लिए ही बाहर निकलता था।पूनावाला को शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के महरौली इलाके में अपने लिव-इन पार्टनर की 18 मई को हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि उसने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर 18 दिनों के भीतर अलग-अलग जगहों पर फेंके। जांचकर्ताओं ने कहा कि पुलिस की टीमें अधिक जानकारी हासिल करने के लिए उसके फोन को स्कैन कर रही हैं।

एक अधिकारी ने कहा, वह किसी भी संदेह से बचने के लिए श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक्टिव था। पुलिस की टीमें उसके मोबाइल फोन के विवरण की जांच कर रही हैं। 26 वर्षीय श्रद्धा के परिवार ने दावा किया कि कभी-कभी वह अपनी मां को बताती थी कि आफताब उसे पीटता है। एफआईआर के अनुसार, पीडि़ता का परिवार रिश्ते के विरोध में था। इस पर श्रद्धा का कहना था कि वह 25 साल की है और उसे अपने फैसले लेने का अधिकार है। बाद में, उसने घर छोड़ दिया और आफताब के साथ रहने लगी। लेकिन कभी-कभी, वह अपनी मां को बताती थी कि आफताब उसे पीटता है। 2020 में उसकी मां का निधन हो गया। उसके लगभग 15 से 20 दिन बाद, उसने अपने पिता को फोन किया और आफताब द्वारा पीटे जाने की बात कही।

पिता ने कहा, वह मुझसे मिली और जब मैंने उसे पूनावाला को छोडऩे और घर लौटने के लिए कहा, तो पूनावाला ने तुरंत उससे माफी मांग ली, जिसके चलते वह दोबारा उसके साथ वापस चली गई। उसने मेरे अनुरोध को नहीं सुना, जिसके कारण मैंने कई महीनों तक उससे बात करना बंद कर दिया। पीडि़ता के माता-पिता 2016 से अलग थे। 2018 में श्रद्धा के पिता को पता चला कि वह पूनावाला के साथ रिश्ते में हैं। पुलिस ने बताया कि आफताब ने 18 मई को श्रद्धा के शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने के बाद एक नया रेफ्रिजरेटर खरीदा और उसमें शरीर के अंगों को रखा। बदबू से बचने के लिए उसने अपने घर पर अगरबत्ती जलाई। आफताब कथित तौर पर अमेरिकी क्राइम शो 'डेक्सटरÓ से प्रेरित था, जो एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताता है, जो दोहरी जिंदगी जीता है। सूत्रों ने बताया कि शेफ होने के नाते आफताब चाकू चलाने में माहिर था। हालांकि वारदात में प्रयुक्त चाकू अभी तक बरामद नहीं हो सका है।


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