वयस्क जोड़े को अपनी मर्जी से साथ रहने का अधिकार है- भले ही उनकी जाति धर्म अलग हो: ALLAHABAD HIGH COURT
कोर्ट ने कहा कि वयस्क जोड़े को एक साथ रहने और अपनी पसंद से शादी करने की पूरी आजादी है
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी वयस्क जोड़े को अपनी मर्जी से साथ रहने का अधिकार है.
कोर्ट ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे वयस्क जोड़े को अगर कोई परेशान करता है या धमकी देता है तो पुलिस कमिश्नर उनकी अर्जी पर सुरक्षा मुहैया कराए.
विधि संवाददाता, प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि बालिग जोड़ों को एक साथ रहने की आजादी है। माता-पिता सहित किसी को भी उनके शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। भले ही वे अलग जाति या धर्म के हों. कोर्ट ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे वयस्क जोड़े को अगर कोई परेशान करता है या धमकी देता है तो पुलिस कमिश्नर को उनकी अर्जी पर सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए.
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