महिला कर्मचारियों ने शुरू किया आंदोलन !राजकीय मुद्रणालय प्रयागराज में 165 साल पुराने विभाग में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं...
यागराज में आजादी से पहले 1857 में स्थापित राजकीय मुद्रणालय में अभी भी महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट नहीं है। यही कारण है कि बार-बार टॉयलेट बनवाने की मांग को लेकर महिला कर्मचारी आंदोलित होती रही हैं पर अभी भी उनकी मांगें पूरी नहीं हो सकी हैं। अब महिला कर्मचारियों ने अलग से टॉयलेट बनवाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
कई अन्य संगठनों ने दिया समर्थन
राजकीय मुद्रणालय की महिला कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में पिछले कई दिनों से धरना-प्रदर्शन चल रहा है। शुक्रवार को राजकीय मुद्रणालय के कर्मचारियों के समर्थन में कई और विभाग के कर्मचारी समर्थन में पहुंच गए। विकास भवन कर्मचारी महासंघ के नेता राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि अधिकारी महिलाओं की छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। लग ही नहीं रहा है कि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। ना अधिकारी और ना ही राजनेता इस और ध्यान दे रहे हैं। महिलाओं के लिए एक अलग वॉशरूम की मांग कई दशकों से हो रही है, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। महिलाओं के लिए अलग टॉयलेट उनका मूलभूत अधिकार है।
अगर समस्या न दूर हुई तो सभी विभागों के कर्मचारी साथ धरना देंगे
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला अध्यक्ष राग बिराग ने कहा कि महिला कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। महिला कर्मचारी पुरुषों के टॉयलेट में जाने को मजबूर हैं। इससे कई बार उन्हें इन्फेक्शन हो जाता है। अगर महिला कर्मचारियों के लिए अलग टॉयलेट की व्यवस्था नहीं हुई तो सभी विभागों के कर्मचारी महिलाओं के साथ धरने पर बैठने को मजबूर होंगे, जिसका खामियाजा उन्हें आगे चलकर भुगतना ही होगा।
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